मुम्बई। मुम्बई हमले के आरोपीपाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब ने खुद को मिली फांसी की सजा की पुष्टि के लिए अदालती कार्यवाही के दौरान बम्बई उच्च न्यायालय में अपनी सदेह मौजूदगी की मांग दोहराई है। कसाब की वकील ने यह बात शुक्रवार को कही। इससे पहले कसाब ने अदालत की कार्यवाही में मात्र कुछ समय के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुआ। उसके बाद वह वहां से उठकर चला गया और कैमरे के सामने दोबारा आने से इंकार कर दिया।
कसाब की वकील फरहाना शाह ने कहा, ""कसाब ने मांग की है कि उसे अदालती कार्यवाही के दौरान अदालत में मौजूद रहने की अनुमति दी जाए। उसने अपनी यह मांग भी दोहराई है कि उसके मुकदमे को अमेरिका स्थित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए।"" कसाब ने यह भी कहा है कि उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग में यकीन नहीं है। शाह ने कहा, ""वह यह नहीं समझता कि अदालत पहले ही सुनवाई के दौरान उसकी सदेह मौजूदगी के खिलाफ फैसला दे चुकी है और उस पर दोबारा विचार नहीं किया जा सकता। हमने उसे समझाया कि खतरे की आंशका के मद्देनजर उसे मौजूद रहने की अनुमति नहीं मिलेगी, लेकिन वह जिद पर अ़डा हुआ है।"" ज्ञात हो कि गुरूवार को आर्थर रोड जेल में कसाब से मिलने पहुंची उसकी वकील शाह और अमीन सोलकर से उसने अपने अकेलेपन की शिकायत की थी।
शाह ने कहा, ""उसने बताया कि जानबूझकर उसे पढ़ने के लिए कोई अखबार या किताब नहीं दी जाती है। उसने एकांतवास के कारण मानसिक रूप से परेशान रहने की बात कही।"" इस बीच, सरकारी वकील उ”वल निकम ने शुक्रवार को बम्बई उच्चा न्यायालय को बताया कि कसाब और अन्य नौ आतंकवादियों ने मुम्बई के मालाबार हिल इलाके पर हमले की साजिश भी रची थी, जहां राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिविशिष्ट व्यक्तियों के आवास हैं। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति रंजना देसाई एवं आर.वी. मोरे की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
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